मुजफ्फरपुर: कांटी थाना क्षेत्र के श्रीसिया रेलवे गुमटी के समीप सोमवार रात स्थानीय ग्रामीणों तथा सीआइएसएफ के जवानों के बीच हिंसक झड़प हो गई। कोयला चोरी रोकने के लिए गए सीआइएसएफ के जवानों पर ग्रामीणों ने लाठी-डंडे और पत्थरों से हमला कर दिया। इसके बाद जवानों को भी फायरिंग करनी पड़ी।
कई घायल
करीब एक दर्जन राउंड फायरिंग के बाद ग्रामीण भागे। इस हमले में सीआइएसएफ के पांच जवान घायल हो गए हैं। इनमें दो की हालत गंभीर है। अन्य ग्रामीणों की मदद से जवानों को शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना में कई ग्रामीणों के भी चोटिल होने की सूचना है।
बताया जा रहा है कि रात करीब नौ बजे थर्मल के सीआइएसएफ जवानों का गश्ती दल दो गाड़ियों से कपरपुरा स्टेशन के लिए निकला था। यहां कोयले की रैक आने वाली थी। श्रीसिया रेलवे गुमटी के समीप सुनसान रास्ते से आ रहे कुछ लोगों को देखकर जवानों ने उन्हें रोका। उन्हें कोयला चोर बताते हुए मारपीट शुरू कर दी। ग्रामीणों ने सफाई दी कि वे खेत से लौट रहे हैं, लेकिन उनकी बातों को अनसुना कर सीआइएसएफ के जवानों ने जमकर पिटाई कर दी।
जवानों द्वारा मारपीट की जानकारी होते ही अगल-बगल के सैकड़ों ग्रामीण वहां जमा हो गए। वे जवानों की कार्रवाई का विरोध करते हुए हमले की मुद्रा में आ गए। आक्रोश देखकर जवानों ने ग्रामीणों पर अग्नेयास्त्र तान गोली मारने की धमकी देने लगे। ग्रामीणों के मुताबिक, इस दौरान एक जवान ने ग्रामीणों को भयभीत करने के लिए हवाई फायरिंग भी कर दी। इसके बाद भीड़ उग्र हो गई।
घेराबंदी कर जवानों पर हमला
घेराबंदी कर जवानों पर हमला कर दिया। पत्थरबाजी के साथ जवानों को लाठी-डंडे से दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। गश्ती दल के वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद जवानों ने भी ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। करीब एक दर्जन राउंड हवाई फायरिंग की गई।
करीब आधे घंटा तक चले इस संघर्ष में दोनों पक्षों से कई लोगों घायल हो गए। घायल ग्रामीणों का स्थानीय स्तर पर इलाज हो रहा है। जवानों को शहर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस तरह की बड़ी घटना से देर रात तक स्थानीय पुलिस अनभिज्ञ रही।
अस्पताल में भर्ती एक जवान ने बताया कि कपरपुरा से कांटी के बीच रैक से कोयले की चोरी की लगातार शिकायत आ रही थी। यहां गति धीमी होने से ट्रेन को वैक्यूम कर रोक देते। इसके बाद कोयले की चोरी की जाती है। सूचना के बाद भी आरपीएफ और जीआरपी की ओर से कार्रवाई नहीं की गई। इसलिए वे लोग रैक लाने गए थे। रैक निकल जाने के बाद ग्रामीणों ने हमला कर दिया। दो जवानों को सिर में गंभीर चोटें आई हैं।