धीमा जहर हैं ये खाद्य तेल, भूलकर भी खाना बनाने में ना करें उपयोग

आपको बता दें कि जिन कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल आप पूरी, सब्जी, समोसा आदि में करते हैं। वे आपके शरीर में धीमे जहर का कार्य करते हैं। देखा जाए तो कुकिंग ऑयल हमारे भोजन की एक महत्वपूर्ण चीज है। जिससे भोजन का स्वाद बढ़ता है तथा भोजन में रौनक भी आती है। अतः अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आपको खाने में यूज होने वाले तेलों का विशेष ध्यान रखना ही चाहिए।

जानकारी दे दें कि खराब कुकिंग ऑयल का यूज आपके कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा देता है तथा आपको हार्ट डिजीज का ख़तरा काफी ज्यादा हो जाता है। इसके अलावा आपके शरीर का बजन बढ़ने लगता है तथा आपको ब्लड प्रेशर तथा डायबिटीज की समस्या का ख़तरा भी काफी बढ जाता है। आइये अब हम आपको ऐसे 4 प्रकार के तेलों के बारे में बताते हैं जो आपकी सेहत को बिगाड़ सकते हैं।

सोयबीन ऑयल

आपको बता दें कि हमारे देश में सोयाबीन ऑयल का यूज काफी ज्यादा किया जाता है। यह तेल ओमेगा-6 फैटी ऑयल का मुख्य स्त्रोत है। रिसर्च में यह साबित हुआ है कि सोयाबीन तेल का सेवन करने से डायबिटीज, मोटापा, अल्जाइमर, डिप्रेशन जैसी बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ जाता है। इस तेल में सैचुरेटेड फैट होते हैं जो मानव शरीर के लिए हानिकारक होते हैं।

पाम ऑयल

इसमें काफी मात्रा में सैचुरेटेड फैट पाया जाता है। अतः इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल का ख़तरा बढ जाता है। इसका ज्यादा सेवन करने से मोटापा काफी जल्दी बढ़ने लगता है तथा बजन कंट्रोल में नहीं रहता है। बढ़ता मोटापा आपको डायबिटीज तथा ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं का रोगी बना सकता है।

जैतून ऑयल

जैतून के तेल को सेहत के लिए काफी लाभप्रद माना जाता है। यदि आप इस तेल को सलाद या कुछ व्यंजनों पर छिड़क कर खाएं तो यह आपको लाभ पहुंचाता है। लेकिन उच्च ताप पर भोजन बनाने के लिए यह सही नहीं है। कम ताप पर भोजन बनाने के लिए यह तेल सही है। लेकिन इस तेल को गर्म करके खाने से आपकी सेहत को हानि होती है। आपको बता दें कि ऐसा करने पर आपकी स्किन पर मुंहासे, लाल चकत्ते या डायरिया की समस्या हो सकती है।

मक्के का तेल

इसमें बह ओमेगा- 6 फैटी एसिड काफी उच्च स्तर का होता है। अतः इसके सेवन से आपके शरीर में सूजन आ सकती है। आपको बता दें कि ओमेगा-6 को अपनी बॉडी में संतुलित करने के लिए आपको ओमेगा-3 वाले भोज्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। मक्का के तेल का सीमित मात्रा में ही सेवन करें अन्यथा इससे विषाक्तता, मोटापा तथा कैंसर का ख़तरा बढ़ जाएगा।

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