संसद की सुरक्षा में चूक मामले में गृह मंत्रालय के आदेश पर जांच कमेटी गठित, CRPF के डीजी करेंगे इसका नेतृत्व

नई दिल्ली: संसद की सुरक्षा में चूक मामले में बड़ी खबर सामने आई है। लोकसभा सचिवालय की मांग पर गृह मंत्रालय ने जांच कमेटी गठित की है। CRPF के डीजी अनीश दयाल सिंह की अध्यक्षता में ये कमेटी बनाई गई है। जांच समिति संसद की सुरक्षा में सेंध के कारणों की जांच करेगी। इसके अलावा वह खामियों की पहचान करेगी और आगे की कार्रवाई की सिफारिश करेगी। समिति जल्द से जल्द संसद में सुरक्षा में सुधार के सुझावों और सिफारिशों के साथ अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस कमेटी में अन्य सुरक्षा एजेंसियों और विशेषज्ञों के सदस्य शामिल हैं।

इस जगह से निकला आरोपियों का कनेक्शन

सूत्रों के मुताबिक, सभी आरोपी भगत सिंह और अंबेडकर फैन क्लब के मेंबर हैं और काफी समय से उससे जुड़े हुए हैं। सभी आरोपी तकरीबन डेढ़ 2 साल से एक दूसरे को जानते हैं। पिछले 3–4 दिन से वह गुरुग्राम में इकट्ठा होने लगे थे। सूत्रों के मुताबिक, पर्चे या झंडा फेंककर विरोध करने से किसी को चोट लग सकती थी इसलिए स्प्रे का इस्तेमाल किया गया, जिससे सभी का ध्यान खींचा जा सके। अभी सिर्फ 4 की ही गिरफ्तारी हुई है, जिन्हें कल कोर्ट में पेश करके रिमांड पर लिया जाएगा, जिससे पूरी साजिश का पता लगाया जा सके।

पुलिस पता लगा रही है कि इसके पीछे किसका हाथ हैं क्योंकि सभी अलग-अलग राज्यों और इलाकों से हैं, इसलिए अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक पुलिस लगातार पूछताछ में ये जानने की कोशिश कर रही है कि इनके पीछे मास्टरमाइंड कौन है। जिस तरह से ये एक साथ आए, पुलिस को लग रहा है कि साजिशकर्ता कोई और है। इसमें से एक का स्वरोजगार है, फिर भी वह बेरोजगारी का नारा लगाकर प्लानिंग के तहत इसे क्यों अंजाम दे रहा था? ये बड़ा सवाल है।

दिल्ली पुलिस की जांच में पन्नू का रोल होने से इंकार किया गया है। अभी तक की जांच में ऐसा कोई एंगल सामने नहीं आया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इन लोगों ने भगत सिंह फैन पेज भी ज्वाइन किया हुआ था।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल करेगी मामले की जांच

संसद में हंगामे की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल करेगी। सभी आरोपियों को स्पेशल सेल को सौंपा जा रहा है। दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर यूनिट स्पेशल सेल है। स्पेशल सेल की दर्जनों टीमें जांच में लगी हैं। कई जगहों पर छापेमारी हो रही है। जांच एजेंसियां इसे एक राष्ट्र विरोधी घटना की तरह देख रही हैं।

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