पटना में भाजपा कार्यकर्ताओं पर हुआ लाठीचार्ज नीतीश सरकार की विफलता और बौखलाहट का नतीजा – जेपी नड्डा

पटना। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गुरुवार को विधानसभा मार्च के दौरान पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी, जिससे कई नेता और कार्यकर्ता घायल हो गए। कई के सिर फट गए तो कई की हड्डियां टूट गई।

बिहार की राजधानी पटना में विधान सभा के घेराव के लिए मार्च निकाल रहे भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं पर बिहार पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज की कड़ी आलोचना करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आरोप लगाया है कि भाजपा कार्यकर्ताओं पर पटना में हुआ लाठीचार्ज राज्य की नीतीश सरकार की विफलता और बौखलाहट का नतीजा है। नड्डा ने यह भी आरोप लगाया कि बिहार की नीतीश-तेजस्वी महागठबंधन की सरकार भ्रष्टाचार के क़िले को बचाने के लिए लोकतंत्र पर हमला कर रही है। नड्डा ने बिना नाम लिए ट्वीट कर कहा कि नीतीश कुमार अपने चार्जशीटड उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को बचाने के लिए अपनी नैतिकता तक भूल गये हैं।

जेपी नड्डा ने बिहार की नीतीश सरकार की आलोचना करते हुए ट्वीट कर कहा,” भाजपा कार्यकर्ताओं पर पटना में हुआ लाठीचार्ज राज्य सरकार की विफलता और बौखलाहट का नतीजा है। महागठबंधन की सरकार भ्रष्टाचार के क़िले को बचाने के लिए लोकतंत्र पर हमला कर रही है। जिस व्यक्ति पर चार्जशीट हुई है, उसको बचाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री अपनी नैतिकता तक भूल गये हैं।”

दरअसल, पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के नेतृत्व में हजारों कार्यकर्ता गांधी मैदान के पास एकत्रित होकर विधानसभा मार्च के लिए रवाना हुए। जैसे ही मार्च में शामिल लोग जेपी. गोलंबर के आगे बढ़े, पुलिस ने बल का प्रयोग किया।

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जब मार्च डाकबंगला चौराहे पर पहुंचा तो रोकने की कोशिश की गई। वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया और आंसू गैस के गोले दागे गए। इसके बाद पहले से तैनात सैकड़ों पुलिस के जवानों ने भाजपा कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।

इस दौरान डाक बंगला पर भगदड़ की स्थिति बन गई। डाक बंगला के पास प्रशासन द्वारा लगाई गई बैरिकेडिंग के पास भाजपा के कई कार्यकर्ताओं के साथ प्रदेश अध्यक्ष धरने पर बैठ गए।

सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में लोकतंत्र की हत्या की गई है। हमलोग शांतिपूर्वक तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, फिर लाठीचार्ज क्यों किया गया?
उन्होंने कहा कि कई एमपी, एमएलए को पीटा गया। हम लोग कोई उग्र प्रदर्शन नहीं कर रहे थे।

इधर, विधायक नितिन नवीन ने कहा कि सरकार जो कर ले, हम लोग डरने वाले नहीं है। महिला कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। उन्होंने कहा कि यह मार्च भ्रष्टाचार, 10 लाख नौकरी देने के वादे और शिक्षकों के मुद्दे पर किया गया था।

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