Tejashwi Yadav Case : लैंड फॉर जॉब्स मामले में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर CBI की ओर से दायर चार्जशीट पर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई आज टल गई है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी. CBI ने कोर्ट से एक महीने का समय मांगा है. आपको बता दें कि चार्जशीट एक्सेप्ट को लेकर आज सुनवाई होनी थी. सुनवाई के दौरान ये तय होगा कि चार्जशीट एक्सेप्टबल है या नहीं. 3 जुलाई को तेजस्वी के खिलाफ CBI ने चार्जशीट दायर की थी. जानकारी के मुताबिक, अगर कोर्ट तेजस्वी के खिलाफ चार्जशीट एक्सेप्ट कर लेती है तो उन्हें इस मामले में जमानत लेनी पड़ेगी. सूत्रों की माने तो लैंड फॉर जॉब्स मामले में यह नया केस है. पुराने केस में पहले ही RJD सुप्रीमो लालू यादव, बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी और बेटी और सांसद मीसा भारती जमानत पर हैं. नए केस में भी लालू और राबड़ी को आरोपी बनाया गया है.
बीजेपी यह सब करवा रही: RJD
वहीं, इस मामले में बिहार में सियासी बवाल जारी है. पूर्व मंत्री एवं RJD नेता वृषण पटेल ने कहा कि बदले की भावना से बीजेपी यह सब करवा रही है. बीजेपी लालू यादव के परिवार को परेशान करने के लिए एक नाबालिक लड़के पर केस करवाया था. कानून अपना काम कर रहा है और तेजस्वी यादव निर्दोष साबित होंगे.
हम सब तेजस्वी के साथ: JDU
वहीं, मामले को लेकर JDU के विधान परिषद खालिद अनवर का कहना है करप्शन के मामले में बीजेपी को बोलने का अधिकार नहीं है. खालिद अनवर ने कहा कि तेजस्वी यादव को कि भाजपा ने उनको फसाने का काम किया है. 12 वर्ष की अवस्था में एक कम उम्र के लड़के को कानूनी रूप से बीजेपी ने फंसाने का काम किया. कानून अपना काम कर रही है, लेकिन JDU सहित पूरे महागठबंधन का मानना है कि तेजस्वी यादव बेकसूर हैं और वे लोग पूरे एकजुटता के साथ तेजस्वी यादव के साथ खड़े हैं.
जैसी करनी, वैसी भरनी: BJP
वहीं, BJP के विधान पार्षद नवल किशोर यादव का कहना है कि जमीन के बदले नौकरी मामले में तेजस्वी यादव को बीजेपी ने नहीं फसाया है. नवल किशोर यादव ने कहा कि जैसे कर्म किए हैं वैसे उनको भरना पड़ेगा. लालू यादव पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि कम उम्र के लड़के के नाम पर जमीन खरीदने का सलाह उनको किसने दिया था. बीजेपी विधान पार्षद ने कहा बीजेपी किसी को फंसाने का काम नहीं करती है. जो जैसा करेगा वैसा पाएगा.
क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम?
- 14 साल पुराना केस है लैंड फॉर जॉब स्कैम
- स्कैम के दौरान रेल मंत्री थे लालू प्रसाद यादव
- साल 2004 से 2009 तक रेल मंत्री थे लालू यादव
- लालू पर जमीन के बदले नौकरी देने का आरोप
- नौकरी देने के बदले लोगों की लिखवाई थी जमीन
- मामले में CBI ने 18 मई को दर्ज किया था केस
- सब्स्टीट्यूट के तौर पर हुई थी भर्तियां- CBI
- रेलवे में ग्रुप-D के पदों पर हुई थी भर्ती- CBI
- जमीन का सौदा करने बाद किए गए रेगुलर- CBI