Youtuber Manish Kashyap को बेतिया कोर्ट में पेश न करने की सामने आई वजह, अब इस तारीख को होगी पेशी
Youtuber Manish Kashyap: बीते 26 जून को यूट्यूबर मनीष कश्यप पर्याप्त पुलिस एस्कॉर्ट (सुरक्षा जवान) नहीं मिलने के कारण न्यायालय में नहीं उपस्थित हो सका। अब न्यायालय ने आगामी 10 जुलाई को न्यायालय में उपस्थापित कराने का आदेश दिया है। बता दें कि मझौलिया थाना कांड संख्या 193/21 के नामजद अभियुक्त त्रिपुरारी कुमार तिवारी उर्फ मनीष कश्यप को रिमांड कराने के लिए केंद्रीय कारा मदुरई से बेतिया न्यायालय में लाना होगा।
मनीष के वकील के आवेदन के बाद कोर्ट ने 10 जुलाई तय की पेशी की तारीख
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने यह आदेश देते हुए अभियुक्त के उपास्थापन के लिए आगामी 10 जुलाई की तिथि सुनिश्चित की है। न्यायालय ने यह आदेश मनीष कश्यप के अधिवक्ता के आवेदन पर सुनवाई करने के बाद दिया है। अधिवक्ता ऐंगेन्द्र कुमार मिश्र ने बीते 26 जून को मनीष कश्यप को न्यायालय में उपास्थापन नहीं कराए जाने के मामले को न्यायालय के आदेश का अवमानना बताते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी से सख्त आदेश पारित करने का अनुरोध किया था।
मिली जानकारी के अनुसार, दूसरे दिन 27 जून को मदुरई पुलिस ने भी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा। केंद्रीय कारा मदुरई के अधीक्षक के द्वारा अभियुक्त मनीष कश्यप का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उपस्थापन कराए जाने के अनुरोध किया था, जिसे खारिज करते हुए न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि विधि विभाग( बिहार सरकार) के अधिसूचना संख्या- A/एक्ट 15/ 2020/6523/जे द्वारा अधिसूचित नियम 2020 के अध्याय 11.1 के अनुसार पहली बार अभियुक्त का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रिमांड नहीं किया जा सकता है।
बिहार डीजीपी से उपास्थापन के लिए की गई थी पुलिस एस्कॉर्ट की मांग
न्यायालय ने नियम के तहत निश्चित रूप से अभियुक्त को बेतिया न्यायालय में आगामी 10 जुलाई को उपास्थापन कराना होगा। न्यायाधीश ने मनीष कश्यप को बेतिया न्यायालय में उपास्थापन कराने के लिए पुलिस अधीक्षक बेतिया और इंस्पेक्टर मझौलिया को भी न्यायालय आदेश की प्रति भेजने का आदेश दिया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मदुरई पुलिस ने बेतिया न्यायालय से अभियुक्त त्रिपुरारी कुमार तिवारी उर्फ मनीष कश्यप के उपास्थापन के लिए भेजे गए प्रोडक्शन वारंट के साथ न्यायालय में उपस्थित होकर लिखित रूप में सूचित किया कि पुलिस एस्कॉर्ट उपलब्ध नहीं होने के कारण अभियुक्त को बेतिया न्यायालय में बीते 26 जून को उपास्थापन नहीं करा जा सका।
उन्होंने न्यायालय को यह भी सूचित किया कि अभियुक्त के उपास्थापन के लिए पुलिस एस्कॉर्ट के लिए उन्होंने डीजीपी बिहार से अनुरोध किया था, लेकिन वहां से कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई।