DESK: शादी के 9 साल बाद तक पत्नी द्वारा अपने पति के साथ सेक्स नहीं करने पर दिल्ली की एक फैमिली कोर्ट ने इसे मानसिक क्रूरता बताते हुए तलाक को मंजूरी दे दी। इस दंपति की शादी 2014 में हुई थी, जिसके बाद से पत्नी ने अब तक पति के साथ यौन संबंध नहीं बनाए थे। इसके चलते पति ने तलाक की मांग को लेकर कोर्ट का रुख किया था। तलाक के लिए कोर्ट गए पति का आरोप था कि उसकी पत्नी ने शादी के 9 साल बाद भी अब तक अपने साथ सेक्स नहीं करने दिया। इस तरह वह उस पर मानसिक क्रूरता कर रही है, इसलिए उसे तलाक की इजाजत दी जाए।
अदालत ने एक पति-पत्नी के तलाक को मंजूरी देते हुए कहा कि जानबूझकर पार्टनर को सेक्स से वंचित करना एक तरह की मानसिक क्रूरता के समान है। इस मामले में याचिकाकर्ता पति ने अपनी पत्नी पर क्रूरता का आरोप लगाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। पति ने अदालत को बताया कि उसकी शादी 2014 में हुई थी, लेकिन अब तक पत्नी ने उसके साथ एक बार भी यौन संबंध नहीं बनाए। बता दें कि, यह दंपति एक मैट्रिमोनियल साइट के जरिए एक दूसरे के संपर्क में आए थे। 13 महीने तक एक दूसरे के संपर्क में रहने के बाद दोनों ने शादी कर ली थी।
इस पर कोर्ट ने कहा कि सेक्स किसी भी शादी की नींव है। इसके बिना किसी भी शादी का लंबे वक्त तक टिकना असंभव है। कोर्ट ने आगे कहा कि शादी में बिना किसी वाजिब वजह के सेक्स संबंधों से इनकार क्रूरता से कम नहीं है क्योंकि ये विवाह नाम की संस्था की बुनियाद पर ही हमला है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि बिना सेक्स के अगर पति-पत्नी खुश हैं तब तो कोई बात नहीं लेकिन उनमें से अगर कोई भी इससे असंतुष्ट है तो शादी का कोई मतलब नहीं है।
फैमिली कोर्ट के जज विपिन कुमार राय ने अपने फैसले में कहा, ”एक सामान्य और स्वस्थ यौन संबंध एक खुशहाल और सामंजस्यपूर्ण विवाह के बुनियादी तत्वों में से एक है। एक पार्टनर पति या पत्नी द्वारा तब जानबूझकर सेक्स संबंध बनाने से इनकार करना जबकि दूसरा पार्टनर इसे लेकर परेशान हो, मानसिक क्रूरता के समान है। खासकर तब जब दोनों पक्ष (पति और पत्नी) युवा और नवविवाहित हैं।”
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इस केस की सुनवाई के दौरान पति ने अदालत को बताया कि उसकी पत्नी शादी के 9 साल बीतने के बाद भी अब तक सेक्स संबंध के लिए इसलिए तैयार नहीं हुई। पति ने बताया कि उसी पत्नी को सेक्स को लेकर जीनोफोबिया है। ये एक मानसिक बीमारी है, जिसमें सेक्स संबंध बनाने को लेकर इंसान के अंदर शारीरिक या मानसिक भय घर कर जाता है।
वहीं, पति के आरोपों से इनकार करते हुए महिला ने दलील दी कि उसे जीनोफोबिया जैसी कोई बीमारी नहीं है, बल्कि वह खुद भी सेक्स को लेकर असंतुष्ट महसूस करती है। महिला ने यह भी दावा किया कि शादी के बाद कभी सेक्स संबंध नहीं बनने का जिम्मेदार उसका पति ही है क्योंकि वह बच्चा नहीं चाहता है।
इस दौरान, पति की तरफ से पेश हुए वकील ने अदालत को बताया कि महिला कभी अपनी शादी को पूरा करना ही नहीं चाहती थी। पति ने अलग-अलग समय पर तमाम प्रयास किए, लेकिन वह न तो शादी को पूरा करने के मकसद से और न ही बच्चा पैदा करने के उद्देश्य से पति के साथ सेक्स संबंध के लिए कभी तैयार हुई।