Rajasthan News: राजस्थान के कोटा फैक्ट्री में सुसाइड के मामले बढ़ते जा रहे हैं। कोटा में छात्रों की बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं अब चिंता का विषय बन गईं है। इन बढ़ते आंकड़ों पर रोकथाम के लिए सरकार ने बीते सोमवार एक बैठक की। इस बैठक में कई अहम फैसले किए गए हैं। अब छात्रों के बढ़ते आत्महत्या के मामलों पर रोक लगाने के लिए हफ्ते में एक दिन ‘आधे दिन पढ़ाई, आधे दिन मस्ती’, आत्महत्या की प्रवृत्ति वाले छात्रों की पहचान करना और साइकोलॉजिकल काउंसलिंग देने जैसे जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है।
अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार इसके अलावा कोचिंग संस्थान उन छात्रों की पहचान भी करेंगे जो कि आत्महत्या कर सकते हैं और उनकी पहचान के बाद उन्हें मनोवैज्ञानिक सलाह भी दी जाएंगी. इन कदमों से छात्रों की आत्महत्याएं नियंत्रित की जा सकती हैं. इस पूरे मामले पर सोमवार को एक अहम बैठक हुई है जिसमें शहर के सभी आला अफसर मौजूद रहे हैं. वहीं इस मीटिंग में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोचिंग संस्थानों और हॉस्टल एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी शामिल हुए.
अधिकारियों की बैठक
अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रमुख सचिव (हायर एंड टेक्निकल एजुकेशन) भवानी सिंह देथा की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक की गई। इस बैठक में अधिकारियों के अलावा कोचिंग संस्थानों और हॉस्टल एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। बता दें कि सीएम गहलोत कोटा में बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं को लेकर बेहद चिंतित है। इसलिए उन्होंने इसके लिए एक कमेटी गठित की है और देथा इस गठित कमेटी की अध्यक्ष बनाईं गईं हैं। कमेटी जल्द ही कोटा का दौरा भी करेगी। बैठक में लिए गए अन्य फैसलों में, छात्रों पर कोर्स का बोझ कम करने के प्रयास के लिए कोचिंग संस्थानों को विषय विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाने के लिए कहा गया है।
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होंगे मोटिवेशनल सेशन
कोचिंगों में विशेषज्ञों द्वारा ऑनलाइन मोटिवेशनल सेशन आयोजित करने और सभी छात्रों के लाभ के लिए इसे सोशल मीडिया पर अपलोड करने के लिए भी कहा गया है। अधिकारियों ने बताया कि मीटिंग में यह फैसला लिया गया कि कोचिंग संस्थान हर बुधवार को ‘आधे दिन पढ़ाई, आधे दिन मस्ती’ जैसे सेशन रखेंगे। मीटिंग में कोटा के जिला कलेक्टर ओ पी बुनकर, पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी, अतिरिक्त कलेक्टर (प्रशासन) राजकुमार सिंह और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भगवत सिंह शामिल थे।
आते हैं हर साल 2 लाख से ज्यादा छात्र
इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए JEE और मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए NEET जैसी कंपटेटिव एग्जाम की तैयारी के लिए सालाना 2 लाख से अधिक छात्र कोटा आते हैं। बता दें कि बीते रविवार को 4 घंटे के अंतराल में दो छात्रों ने अपनी जान दे दी थी। अधिकारियों के मुताबिक कोटा जिले में साल 2023 में अब तक कंपटेटिव एग्जाम्स की तैयारी कर रहे 23 छात्रों ने सुसाइड किए हैं और यह किसी भी साल के लिए अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। बता दें कि पिछले साल यह आंकड़ा 15 था।
इस साल 22 छात्रों ने की खुदकुशी
बैठक में कोटा के जिला कलेक्टर ओपी बुनकर, पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी, अतिरिक्त कलेक्टर राजकुमार सिंह और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भगवत सिंह भी शामिल हुए. बता दें कि कोटा में पूरे देश से कई छात्र इंजीनियरिंग एंट्रेस परीक्षा जेईई और मेडिकल एंट्रेस परीक्षा एनईईटी जैसे सबसे मुश्किल एग्जाम्स की तैयारी करने के लिए आते हैं. लेकिन, पढ़ाई के प्रेशर में हर साल कई बच्चे खुदकुशी करते हैं. पिछले साल यह आंकड़ा 15 था जो कि इस साल अभी तक 22 पहुंच गया है.