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October 22, 2024
Religion

Ashadha Gupt Navratri 2024: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का तीसरा दिन आज, इस विधि से करें माता चंद्रघंटा की उपासना

Ashadha Gupt Navratri 2024: हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है. वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ में गुप्त नवरात्रि व्रत का पालन किया जाता है. वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन देवी चंद्रघंटा की उपासना का विधान है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां दुर्गा के दिव्य स्वरूप चंद्रघंटा माता की उपासना करने से सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है और व्यक्ति की सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. आइए जानते हैं, माता चंद्रघंटा का स्वरूप और पूजा विधि.

माता चंद्रघंटा का स्वरूप

मां दुर्गा के नौ दिव्य रूपों में देवी चंद्रघंटा का रूप तीसरे स्थान पर है. उनके मुकुट पर अर्धचंद्राकार घंटी है, जिसके कारण इन्हें चंद्रघंटा माता के नाम से जाना जाता है. देवी चंद्रघंटा के त्रिनेत्र हैं, जिन्हें वह केवल युद्ध के समय ही खोलती हैं. मां भगवती का यह स्वरूप भक्तों को नकारात्मक शक्ति और बुराई से रक्षा करती हैं. उनकी 10 भुजाएं हैं और वह बाघ की सवारी करती हैं. उनके बाईं भुजा में त्रिशूल, गधा, तलवार, कमंडल विराजमान है और दाईं भुजा में वह कमल, धनुष, बाण और जप माला धारण करती हैं.

देवी चंद्रघंटा पूजा विधि

आषाढ़ शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान ध्यान करने के बाद पूजा का संकल्प लें. इसके बाद भगवान गणेश का आह्वान कर माता चंद्रघन की उपासना करें. देवी चंद्रघंटा की पंचोपचार पूजा का विधान है. उन्हें गंध, पुष्प, धूप, दीप इत्यादि अर्पित करें. इसके बाद माता को खीर का भोग अर्पित करें. पूजा के दौरान देवी चंद्रघंटा के मंत्र और स्तोत्र का पाठ जरूर करें और अंत में आरती के साथ पूजा संपन्न करें.

मां चंद्रघंटा के इन मंत्रों का करें जाप

ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः॥

ॐ देवी चन्द्रघंटायै नमः॥

पिण्डज प्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्तेति विश्रुता॥
पिण्डज प्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्था पर आधारित हैं. TopHindustan.Com इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.

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