Manipur Video: मणिपुर में महिलाओं के साथ दरिंदगी के बाद उनको सड़कों के निर्वस्त्र घुमाने के वीडियो ने पूरे देश में हंगामा खड़ा कर दिया है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने इस वीडियो का संज्ञान लेकर सख्त टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने का जो वीडियो सामने आया है वो वास्तव में परेशान करने वाला है. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार से कार्रवाई करने को कहा है. CJI का कहना है कि यह बिल्कुल अस्वीकार्य है, सांप्रदायिक झगड़े के क्षेत्र में महिलाओं को एक उपकरण के रूप में उपयोग करना. उन्होंने आगे कहा कि जो वीडियो सामने आए हैं उससे हम बेहद परेशान हैं. अगर सरकार कार्रवाई नहीं करेगी तो हम करेंगे.
जानें सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अब समय आ गया है कि सरकार वास्तव में कदम उठाए और कार्रवाई करे. संवैधानिक लोकतंत्र में यह बिल्कुल अस्वीकार्य है. यह बहुत परेशान करने वाला है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और मणिपुर सरकार से ये बताने को कहा कि अपराधियों को सजा दिलाने के लिए उन्होंने क्या कार्रवाई की है. मीडिया में दिखाई देने वाले दृश्यों के बारे में जो दिखाया गया है वह गंभीर संवैधानिक उल्लंघन और महिलाओं को हिंसा के साधन के रूप में उपयोग करके मानव जीवन का उल्लंघन दर्शाता है, जो संवैधानिक लोकतंत्र के खिलाफ है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि केंद्र और राज्य सरकार उनके द्वारा उठाए गए कदमों से अदालत को अवगत कराएं.
CJI says it’s simply unacceptable. Using women as an instrument in an area of communal strife. It’s the grossest of constitutional abuse. He further says we are deeply disturbed by the videos which have emerged. If the government does not act we will.
Supreme Court says it’s…
— ANI (@ANI) July 20, 2023
अमित शाह ने की मणिपुर के मुख्यमंत्री से बात
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो महिलाओं के साथ क्रूरता के हालिया वायरल वीडियो पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से बात की है. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि वीडियो सामने आने के तुरंत बाद घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए मणिपुर पुलिस हरकत में आई और आज सुबह पहली गिरफ्तारी की गई. फिलहाल गहन जांच चल रही है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, जिसमें मृत्युदंड की संभावना पर भी विचार किया जाएगा.