10.5 C
New York
October 18, 2024
Religion

Dussehra 2023: रावण की जिंदगी से जुड़ा वो राज जो आप नहीं जानते, जानें उसे क्यों कहा जाता था दशानन

Dussehra 2023: हिंदू धर्म में आश्विन मास के शुक्लपक्ष की दसवीं​ तिथि पर मनाये जाने वाले दशहरा पर्व का बहुत ज्यादा महत्व है। बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देने वाले इस पर्व पर पूरे देश में रामलीला और रावण दहन का आयोजन होता है। दशहरे के दिन जिस दशानन कहलाने वाले रावण को जलाने के लिए लोग बड़ी संख्या में एक स्थान पर इकट्ठे होते हैं, क्या वाकई उसके 10 सिर हुआ करते थे? आखिर क्यों उसे दशानन कहा जाता है और क्या है लंकापति रावण के 10 सिरों से जुड़ा बड़ा राज आइए इसे विस्तार जानते हैं।

रावण के 10 सिर से जुड़ी कथा

हिंदू धर्म में जिस रामायण को पवित्र ग्रंथ माना जाता है, उसकी कथा के प्रमुख पात्र रावण को दशानन कहकर भी बुलाया जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार रावण के जो 10 सिर हुआ करते थे वो भगवान शिव के आशीर्वाद से प्राप्त हुए थे। मान्यता है भगवान शिव के परम भक्त रावण ने एक बार उनकी पूजा के लिए खूब तपस्या की लेकिन जब उसे शिव के दर्शन नहीं हुए तो उसने अपने सिर को काटकर ही उनके चरणों में रख दिया लेकिन उसे कुछ नहीं हुआ और उसकी जगह दूसरा सिर आ गया। इसके बाद उसने ऐसा 9 बार किया और बार-बार उसके पास नया सिर आ जाता। मान्यता है कि दसवीं बार जब वह अपना शीश काटने चला तो महादेव ने प्रसन्न होकर उसे दर्शन देकर दशानन होने का वरदान दिया।

रावण के 10 सिर का आध्यात्मिक महत्व

हिंदू धर्म में रावण को दशानन कहे जाने के पीछे एक और मान्यता है, जिसके अनुसार परम ज्ञानी रावण को चार वेद और छह दर्शन का ज्ञान था. रावण के 10 सिरों को धर्म के जानकार 10 बुराई का प्रतीक मानते हैं। काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, ईर्ष्या, मन, ज्ञान, चित्त और अहंकार का प्रतीक मानते हैं। हालांकि एक कथा के अनुसार रावण के पास एक 9 मणियों वाली माला थी, जिसे उसकी मां कैकसी ने दिया था, जिसके प्रभाव के चलते लोगों को उसके 10 सिर होने का भ्रम होता था।

रावण में थीं ये बड़ी खूबियां

हिंदू मान्यता के अनुसार रामकथा का विलेन कहलाने वाले रावण में सिर्फ बुराईयां ही नहीं खूबियां भी थीं। मान्यता है कि रावण को तंत्र-मंत्र, गीत-संगीत आदि का अच्छा ज्ञान था। रावण एक महान तपस्वी और शिव का परम भक्त था। रावण परम ज्ञानी था, यही कारण है कि जब रावण अपनी अंतिम सांसे ले रहा था तो भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण को उससे ज्ञान लेने के लिए कहा था।

Related posts

03 August 2024 Ka Panchang: जानिए शनिवार का पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय

Top Hindustan

Mangla Gauri Vrat 2024: सुहागिनों के लिए मंगला गौरी व्रत क्यों होता है खास? जानें कब से होगा शुरू

Top Hindustan

Tulsi Sanket: तुलसी के पौधे का अचानक हरा-भरा होना, जानें- आपके जीवन पर कैसे पड़ेगा असर

Top Hindustan

Bhai Dooj 2023 Shubh Muhurt: भाई दूज आज, सुबह इस शुभ मुहूर्त में करें भाई के माथे पर तिलक

Top Hindustan

रामलला की तीसरी मूर्ति भी आई सामने, जानें राम मंदिर में कहां पर होंगे स्थापित?

Top Hindustan

Mahashivratri 2024 Date: 8 या 9 मार्च, किस तारीख को मनाई जाएगी महाशिवरात्रि? जान लें पूजा का समय और व्रत के नियम

Top Hindustan

Leave a Comment

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now